हुस्न भी तेरा

हुस्न भी तेरा,

अदाएं भी तेरी,

नखरे भी तेरे,

शोखियाँ भी तेरी,

कम से कम इश्क़ तो मेरा रहने दे…

मेरे शहर मैं

मेरे शहर मैं खुदाओं की कमी नहीं है,दिक्कतें तो मुझे आज भी
इंसान ढूंढने में होती है…

लोग कहते है

लोग कहते है की सच्चे प्यार की हंमेशा जीत होती है,परंतु होती कब है ये भी बता देते !!