किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह दोस्तों के
दिल मे….
यूँ ही हर शख्स तो जन्नत का हक़दार नहीं होता….
Category: व्यंग्य शायरी
आग लगी थी
आग लगी थी मेरे घर को,
किसी सच्चे दोस्त ने पूछा..!
क्या बचा है ?
मैने कहा मैं बच गया हूँ..!
उसने हँस कर कहा फिर साले जला ही क्या है..
जरूरी नहीं
आज का ज्ञान
अगर कोई दस बजे उठे…
तो जरूरी नहीं कि वो…
‘आलसी’ हो……….
हो सकता है उसके ‘सपने’ बड़े हों…!!
तुम्हारे बगैर ये वक़्त
तुम्हारे बगैर ये वक़्त, ये दिन और ये रात
जान मेरी… गुजर
तो जाते हैं मगर, गुजारे नहीं जाते…
ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम
ज़िंदगी
ज़िंदा-दिली का है नाम……
,
,
मुर्दा-दिल क्या ख़ाक जिया करते हैं….
………….
अगर तुम्हें खुशियाँ
अगर तुम्हें
खुशियाँ मिलने लगें तो, तीन
चीज़ मत भूलना..,..”अल्लाह को”,
उसकी “मखलूक को”, और
“अपनी
औकात” को..!!
हर इसांन की
हर इसांन की ख्वाहिश होती है
कि सब
उसे पहचाने
,
पर
,
ये भी चिंता सताती है,
कि कोई सही में पहचान न ले…
रात के गुल्लक
रात के गुल्लक में…
तुम्हारे….
ख्वाबो के सिक्के….
जमा करता हूं …!!
होगी कितनी चाहत
होगी कितनी चाहत
उस दिल मे…जो खुद ही मान
जाये, कुछ पल खफा होने के बाद…!!!
फोड़ देती है
फोड़ देती है अपना
गुल्लक भी भाई की खुशियों के लिये
भगवान के अलावा बहनें भी मनोकामना पूर्ण करती है