कसा हुआ हैं

कसा हुआ हैं तीर हुस्न का ज़रा संभलके रहियेगा,

नज़र नज़र को मारेगी तो क़ातिल हमें ना कहियेगा…….

आ ज़ा फिर से

आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में….कुछ बात करते हैं….

कल जहाँ खत्म हुई थी…वहीं से शुरुवात करते हैं…!!