मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर देखो।
सदियो तक शायरी करोगे जनाब।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर देखो।
सदियो तक शायरी करोगे जनाब।
गज़ब की चीज़ हैं तुम्हारी मुस्कराहट भी…..
कम्बख़त क़ातिल भी हैं और ग़म की दवा भी…..!!
दिल भी न जाने किस किस तरह ठगता चला गया….
कोई अच्छा लगा और बस लगता चला गया…………
दुख की बात ये है की….
वक्त बहुत कम है….!!
ख़ुशी की
बात ये है की….
अभी भी वक्त है….!!
जैसी सोच..
वैसी जिंदगी….!!
” दोस्ती ”
सभी करते है मगर …
कुछ लोग
निभाते है ..
कुछ लोग आझमाते है
खनक उठें न पलकों पर कहीं जलते हुए आँसू,, तुम इतना याद मत आओ के सन्नाटा दुहाई दे..!
मेरी बेचैन उमंगो को बहलाकर चले जाना,
हम तुमको ना रोकेंगे बस आकर चले जाना…
मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते..,
या तो लोहे की तरह जोड़ दे,या फिर धागे की
तरह तोड़ दे..!!
हसीना ने मस्जिद के सामने घर क्या खरीदा,
पल भर में सारा शहर नमाज़ी हो गया…!
तमाम ठोकरें खाने के बाद, ये अहसास हुआ मुझे..
कुछ नहीं कहती हाथों की लकीरें,खुद बनानी पङती हैं बिगङी तकदीरें..