यादों की हवा

सारा दिन गुजर जाता है,
खुद को समेटने में,
फिर रात को उसकी यादों की हवा चलती है,
और हम फिर बिखर जाते है!

याद से जाते नहीं

याद से जाते नहीं, सपने सुहाने और तुम,
लौटकर आते नहीं, गुज़रे ज़माने और तुम,
सिर्फ दो चीज़ें कि जिनको खोजती है ज़िंदगी,
गीत गाने, गुनगुनाने के बहाने और तुम..