सुनो तुम चाहो तो अपने हाथों से संवार देना
बाल बिखरा के भेजी है हमारी तस्वीर हमने|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सुनो तुम चाहो तो अपने हाथों से संवार देना
बाल बिखरा के भेजी है हमारी तस्वीर हमने|
नही छोड़ी कमी किसी भी रिश्ते को निभाने में मैंने कभी…
आने वाले को दिल का रास्ता भी दिया
और जाने वाले को रब का वास्ता भी दिया…!!!
क़ुर्बानी देनी ही है तो अपने ऐबों की दो..
इन मासूम जानवरों को मार कर जन्नत नसीब नहीं होगी..
यूँ रुलाया ना कर जिंदगी हर बात पर.,
जरूरी तो नहीं की….
हर किसी की किस्मत में चुप कराने वाला भी हो !!
दिल भी न जाने किस किस तरह ठगता चला गया,
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कोई अच्छा लगा और बस लगता चला गया..!!