हाल पूछते नहीं ये बे-वफ़ा दुनिया जिंदा लोगों का,
चले आते हैं तैयार हो कर जनाज़े पे बारात की तरह..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हाल पूछते नहीं ये बे-वफ़ा दुनिया जिंदा लोगों का,
चले आते हैं तैयार हो कर जनाज़े पे बारात की तरह..
मुझे जलन है तेरे आईने से,
ये तुझे देखता है बहुत करीब से..
उनकी आँखों से आँखें मिली
और हमको नशा हो गया…
सितारे भी जाग रहे हो रात भी सोई ना हो..
ऐ चाँद ले चल मुझे वहाँ जहाँ उसके सिवा कोई ना हो ।।
ज़िन्दगी में है थोड़ी उंच नीच मगर,
एक मौत है जो यहाँ सबको बराबर बंटी है।
रात को अक्सर ठीक से नींद ही नहीं आती,
घर की किश्तें कम्बखत चिल्लातीं बहुत हैं ।
बस तेरी ख़ामोशी जला देती है मेरे दिल को ,
बाकी सब अंदाज़ अछे है तेरी तस्वीर के . . .
हवा के साथ बहने का मज़ा लेते हैं वो अक्सर,
हवा का रुख़ बदलने का हुनर जिनको नहीं आता।
मेरी आँखों में आँसू की तरह एक रात आ जाओ,
तकल्लुफ से, बनावट से, अदा से…चोट लगती है।
मोहब्बत का राज उस वक़्त खुल गया,
दिल जब उसकी कसम खाने से मुकर गया।