दो चार नहीं मुझे सिर्फ एक दिखा दो……
वो शख्स जो अन्दर भी बाहर जैसा हो
Category: लव शायरी
आज खुद को
आज खुद को इतना तनहा पाया हमने,
जेसे लोग दफना के चले गए हो..!!
जो करते है मोहब्बत
जो करते है मोहब्बत सूरत देखकर,
वो करते है वफ़ा जरूरत देखकर !!
जिसको आना नहीं
जिसको आना नहीं उसको ही देखने की हसरत क्यूँ है…
मेरी नज़रें अक्सर सवाल करती हैं
सब कुछ है
सब कुछ है नसीब में, तेरा नाम नहीं है
दिन-रात की तन्हाई में आराम नहीं है
मैं चल पड़ा था घर से तेरी तलाश में
आगाज़ तो किया मगर अंजाम नहीं है
मेरी खताओं की सजा अब मौत ही सही
इसके सिवा तो कोई भी अरमान नहीं है
कहते हैं वो मेरी तरफ यूं उंगली उठाकर
इस शहर में इससे बड़ा बदनाम नहीं है….
वो आईने को भी
वो आईने को भी हैरत मे डाल देता है
खुदा किसी किसी को ये कमाल देता है……
इश्क़ ऐसा करो
इश्क़ ऐसा करो कि धड़कन मे बस जाए,
सांस भी लो तो खुश्बू उसी की आए,
प्यार का नशा आँखो पे ऐसा छाए,
बात कोई भी हो,पर नाम उसी का आए….
पहले कभी ये यादें
पहले कभी ये यादें ये तनहाई ना थी,
कभी दिल पे मदहोशी छायी ना थी,
जाने क्या असर कर गयीं उसकी बातें,
वरना इस तरह कभी याद किसी की आयी ना थी।
हम जिनके दीवाने है
हम जिनके दीवाने है वो गैरों के गुण गाते थे,
हमने कहा आपके बिन जी ना सकेंगे,
तो हंस के कहने लगे,
के जब हम ना थे तब भी तो जीते थे..
जिन्हें महसूस इंसानों के
जिन्हें महसूस इंसानों के रंजो-गम नहीं होते…
वो इंसान भी हरगिज पत्थरों से कम नहीं होते..