बेताबी उनसे मिलने की इस क़दर होती है
हालत जैसी मछली की साहिल पर होती है
Category: लव शायरी
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
उसे शायद ये पता नहीं था..
की वो भी गुज़र रहा है..!!
हमने तुम्हें उस दिन से
हमने तुम्हें उस दिन से और ज़्यादा चाहा है,
जबसे मालूम हुआ के तुम हमारे होना नहीं चाहते..
सिर्फ पढने भर का
सिर्फ पढने भर का रिश्ता मत रखिये
कभी खैरियत भी तो पूछ लिया कीजिये..!!
सारा बदन अजीब सी
सारा बदन अजीब सी खुशबु से भर गया…
शायद तेरा ख्याल हदों से गुजर गया…
लफ़्ज लफ़्ज जिसका
लफ़्ज लफ़्ज जिसका खुशनूमां बोलता हैं
समझ लो वोह शख्स उर्दू जुबां बोलता है
मैं आदमी हूँ
मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर
मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया….
बिन तुम्हारे कभी
बिन तुम्हारे कभी नही आयी क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है
किस्से बन जाता है
किस्से बन जाता है, कहानियाँ हो जाता है,
इक उम्र के बाद आदमी, आदमी नहीं रहता …
हमने मोह्हबत के नशे में
हमने मोह्हबत के नशे में उसे ख़ुदा बना डाला , और होश तो जब आया जब उसने कहा , ख़ुदा किसी एक का नहीं होता।।