सस्ता न समझ ये इश्क़ का सौदा पगली,
तेरी हँसी के बदले पूरी जिंदगी दे रहा हूँ…….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सस्ता न समझ ये इश्क़ का सौदा पगली,
तेरी हँसी के बदले पूरी जिंदगी दे रहा हूँ…….
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर…!!
पैसौ की अमीरी तो आम बात है ..
दिल की अमीरी खुदा किसी किसी को देता है.
चलो छोड़ दो मुझकों मग़र इतना तो बता दो
की तुम मुझें याद करते थे या वक़्त बर्बाद करते थे !!!
तुम आओ और कभी दस्तक तो दो इस दिल पर,
प्यार उम्मीद से काम हो तो सजा ए मौत दे देना..
ग़रीब समझकर आज उसने उठा दिया हमें अपनी महफ़िल से ?
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कोई मेरी ख़ातिर पूछे उनसे, क्या चाँद की महफ़िल में सितारे
नहीं होते ??
किसी गरीब को मत सताना। वो तो बस रो देगा पर…
उपरवाले ने सुन लिया तो तू अपनी हस्ती खो देंगा..
कुछ दिन के लिए रूठ के अच्छा किया हुजूर…
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जितने अधूरे काम थे,निपटा दिए हमने………
तू देख कि तुझसे इश्क करने में मुझे कैसे जीना पड़ गया
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दोस्तों से भरे शहर में दीवारों से लिपट कर रोना पड़ गया
आखिर थक हार के, लौट आया मैं बाजार-ए – दुनिया से
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कि यादों को बंद करने के ताले, कहीं भी नहीं मिले___!!
KYA KHUB LIKHA HAI KISINE……..
”Aye Jindagi Kash Tu Hi Ruth Jati Mujhse…….
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Kyoki…….
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Ye Ruthe Hue Log Ab Mujhse Manaye Nahi
Jaate……….