बड़ी मुश्किल से सीखी थी बेईमानी हमने
सब बेकार हो गयी..
अभी तो पूरी तरह सीख भी ना पाए थे के
सरकारें ईमानदार हो गयी ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
बड़ी मुश्किल से सीखी थी बेईमानी हमने
सब बेकार हो गयी..
अभी तो पूरी तरह सीख भी ना पाए थे के
सरकारें ईमानदार हो गयी ।
काश कि कोई मिल जाये…….
इस जहाँ में तुम सा दूसरा।
हम भूल जाते हैं उस के सारे सितम,
जब उस की थोरी सी मुहब्बत याद आती है…!!
मै फिर से गिरूंगा ये ग़लतफ़हमी दूर कर लो
वो दिल की गलती थी की हम लडखडा से गए थे..
आज कल खुद से बातें करता हूँ ..
ये सोच कर के तुम सुन रही हो..
रोकना मेरी हसरत थी और
जाना उसका शौक..
वो शौक पूरा कर गई मेरी
हसरतेँ तोड़ कर.!
हद से बढ़ जाये तालुक तो गम मिलते हैं.. हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हँ..
अपने अहसासों को ख़ुद कुचला है मैंने,
क्योंकि बात तेरी हिफाज़त की थी.!
तेरे अल्फाजों से थे जो …शिकवे…
हमने तेरे लबो से लड़कर मिटा दिए|
मैं आज़ाद हूँ
बस उस लम्हे तक
जब तक तुम्हारा ख़्याल न आये….