इतना काफी है के तुझे जी रहे हैं,
ज़िन्दगी इससे ज़्यादा मेरे मुंह न लगाकर…!!
Category: लव शायरी
नब्ज़ में नुकसान
नब्ज़ में नुकसान बह रहा है
लगता है दिल में
इश्क़
पल रहा है…!!
आँखों से पिघल कर
आँखों से पिघल कर गिरने लगी हैं
तमाम ख़्वाहिशें
कोई समंदर से जाकर कह दे
कि आके समेट ले इस दरिया को…!!
इस सलीक़े से
इस सलीक़े से मुझे क़त्ल किया है उसने,
अब भी दुनिया ये समझती है की ज़िंदा हूँ मैं….!!
अपने दिल से
अपने दिल से मिटा ड़ाली तेरे साथ की सारी तस्वीरें
आने लगी जो ख़ुशबू तेरे ज़िस्मों-जां से किसी और की…!!
अक्सर ये सवाल करती है…
मेरी मुहब्बत अक्सर ये सवाल करती है…
जिनके दिल ही नहीं उनसे ही दिल लगाते क्यूँ हो…
ताश के पत्तों में
ताश के पत्तों में दरबदर बदलते चले गए…
इश्क़ में सिमटे तो ऐसे के बिखरते चले गए…
यूँ तो दिल ने बसायी थी एक दुनिया उनके संग…
रहने को जब भी निकले उजड़ते चले गए…
किसी मोहब्बत वाले
किसी मोहब्बत वाले वकील से ताल्लुक हो तो बताना दोस्तों …
मुझे अपना महबूब अपने नाम
करवाना है..
मिठास रिश्तों में
मिठास रिश्तों में बढ़ाएं तो कोई बात बने…
मिठाईयां तो हर साल मीठी ही बनती है…
अनमोल चीज़ है
आग भी क्या अनमोल चीज़ है बातों से भी लग जाती है…