यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के,
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले .!
Category: लव शायरी
सब का दिल
मैं जो सब का दिल रखती हूँ,
सुनो मैं भी एक दिल रखती हूँ…
बंद कर दिया
इश्क का धंदा ही बंद कर दिया साहीब
मुनाफे में जेब जले और घाटे में दिल
अजीब तरह से
अजीब तरह से गुजर रही है जिंदगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ और मिला कुछ !!
जिसे हम सबसे ज्यादा
जिसे हम सबसे ज्यादा चाहते है,
उसीमें सबसे ज्यादा ताकत होती है,
हमें रुलाने की…
वो मेरी तन्हाइयों का
वो मेरी तन्हाइयों का हिसाब क्या देगी, जो खुद ही सवाल है वो जवाब क्या देगी..
हमसे मुकम्मल हुई
हमसे मुकम्मल हुई ना कभी, ए जिन्दगी तालीम तेरी…।
शागिर्द कभी हम बन न सके, और उस्ताद तूने बनने ना दिया ।।
याद करते हो
याद करते हो मगर ज़ाहिर नहीं करते,
कितना डरते हो तुम अपने आप से !!
किसे मालूम था
किसे मालूम था इश्क इस क़दर लाचार करता है,
दिल उसे जानता है बेवफा मगर प्यार करता है…
सुना है वो गुस्से मे
सुना है वो गुस्से मे हर चीज़ तोड़ देते हैं,
मेरा तो दिल है उनके पास, खुदा खैर करे !