दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है!दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ!
वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
हम मतलबी नहीं कि चाहने वाले को धोखा दें,
बस हमें समझना हर किसी के बस की बात नही…!
फ़रियाद कर रही हैं तरसी हुई
निगाहें…
देखे हुऐ किसी को जमाना हो
गया…!!!
तेरे मिलने का गुमान..तेरे न मिलने की खलिश,
वक़्त गुज़रेगा तो ज़ख्म भी भर जायेंगे ।।
जरा सी फुर्सत निकाल के कत्ल ही कर डालो ,
यूँ इंतजार में तडपा तडपा के, मारना ठीक नहीं…..!!
मेरे अपने कहीं कम न हो जाएँ !
इस डर से मुसीबत में
किसी को आजमाता नहीं…..!!
फ़रियाद कर रही हैं तरसी हुई
निगाहें…
देखे हुऐ किसी को जमाना हो
गया…!!!
यकीनन इश्क़ लाजवाब है…
पर दोस्ती से थोडा कम है…
दिल की नाजुक धड़कनोँ को मेरे सनम तुमने धड़कना सीखा दिया ।
जब से मिला है तेरा प्यार दिल को गम मेँ मुस्कुराना सीखा दिया ॥
मंज़िले तो कब से हाथ फैलाये खड़ी है,उन्हें बस तेरी रवानगी की जरुरत है,
बस याद रखना है मेरे यार इतना ,ये वो राहें है, जिन्हें तेरी दीवानगी की जरुरत है|