कटता नहीं है बिन तेरे लम्हा-दो-लम्हा मेरे,
जाने क्या सोच के उम्र भर का फैसला किया..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कटता नहीं है बिन तेरे लम्हा-दो-लम्हा मेरे,
जाने क्या सोच के उम्र भर का फैसला किया..
आपके चलने की भी क्या खूब अदा है
तेरे हर कदम पे एक दिल टूटता है|
कब तक समझाऊं यूँ बहाना तिनके का करके
लो आज कहता हूँ ये आँसू तेरी याद के है|
मतलबी दुनिया के लोग खड़े है, हाथों में पत्थर लेकर……..!!
मैं कहाँ तक भागूं, शीशे का मुकद्दर लेकर……..
तूझमे और मूझमे फरक तो इतना सा है,
मै थोड़ासा पागल हूं,
और
मूझे पागल बनाया तूने है|
सौ दुशमन बनाए हमने, किसी ने कुछ ना कहा,
एक को हमसफर क्या बनाया, सौ उँगलियाँ उठ गई !!!
तकलीफ़ की बात ना करो साहेब..
बहुत तकलीफ़ होती है..
मेरी अपनी भी मजबूरियां है बहुत
मैं समुन्दर हूँ पीने का पानी नही..
शब के जागे हुए तारों को भी नींद आने लगी,
आपके आने की इक आस थी अब जाने लगी..
अरे ये इश्क है मेरी जान
कोई गणित का सवाल नही जो समझा सकूं |