सबको फिक्र है अपने आप
को सही साबित करने की..!
ज़िन्दगी, जिन्दगी नहीं
कोई इल्जाम हो जैसे..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सबको फिक्र है अपने आप
को सही साबित करने की..!
ज़िन्दगी, जिन्दगी नहीं
कोई इल्जाम हो जैसे..!!
सुब्ह सवेरे कौन सी
सूरत फुलवारी में आई है
डाली डाली झूम उठी है
कली कली लहराई है ।
ख़ामोशियाँ जब चीखने लगें..
तो समझो ज़िंदगी रक़ीब हो चली है ख़ुद की|
मै रंग हुँ तेरे चेहरे का….
जितना तू खुश रहेगा
उतना ही मै निखरती जाऊँगी.!!
आज एक दुश्मन ने
धीरे से कान में कहा..
यार इतना मत मुस्कुराया कर ,
बुहत जलन होती है ..!!
हमको महसूस किया जायेगा
खुशबु की तरह ….
हम कोई शोर नहीं जो सुनाई देंगे !!
मेला लग जायेगा
उस दिन शमशान में….
जिस दिन में चला
जाऊंगा आसमान में….!!
सच को तमीज़ नहीं बात करने की..
जुठ को देखो कितना मीठा बोलता है ।
तुझे मोहोब्बत भी तेरी
औकात से ज्यादा की थी..
अब तो बात नफरत की है,
सोच तेरा क्या होगा !!
आदत मेरी अंधेरो से
डरने की डाल कर…
एक शख्स मेरी
जिंदगी को रात कर गया ।