कभी कभी मीलों दूर बैठा इंसान आपको जीने का सहारा दे
सकता है और वो नहीं जो आपके करीब है।
Category: मौसम शायरी
अपना समझते हो
अपना समझते हो तो बुरा क्यों नहीं कहते
हर वक्त की तारीफ बनावट सी लगे है
हर चीज़ वक़्त के साथ
हर चीज़ वक़्त के साथ बदलती है,
बस अगर हम वक़्त के साथ चले तो…!!
वापसी का तो
वापसी का तो सवाल ही नही…..
आँसुओ की तरह निकला हूँ मै…..
उसके जैसी कोई
उसके जैसी कोई दूसरी कैसे हो सकती है,
अब तो वो खुद भी खुद के जैसी नहीं रही !!
अगर समझ पाते तुम
अगर समझ पाते तुम मेरी चाहत की इन्तेहा तो,
हम तुमसे नही, तुम हमसे मुहब्बत करते… !!
तू चाँद का टुकड़ा नहीं
तू चाँद का टुकड़ा नहीं, चाँद तेरा टुकड़ा है ।
टूटते तारे नहीं, फ़िदा होते सितारे देख तेरा मुखड़ा है ।
ख़ूबसूरती देख तेरी अप्सरा का दिल जलन से उखड़ा है
दुनिया में तेरे वजूद से, स्वर्ग भी लगता उजड़ा है ।
जो कोई समझ न सके
जो कोई समझ न सके वो बात हैं हम,
जो ढल के नयी सुबह लाये वो रात हैं हम,
छोड़ देते हैं लोग रिश्ते बनाकर,
जो कभी न छूटे वो साथ हैं हम।
कैसे जिंदा रहेगी
कैसे जिंदा रहेगी तहज़ीब सोचिये !
,
पाठशाला से ज्यादा तो मधुशाला हैं इस शहर मे….
इक तमन्ना के लिए
इक तमन्ना के लिए फिरती है सहरा सहरा……!!
ज़िंदगी रोज़ कोई ख़्वाब नया लिखती है…!!