यूँ ही आँखें किसी की नम नहीं होतीं।
दिल टूटता है पहले, फिर बनते हैं मोती।
Category: मौसम शायरी
दर्द मीठा हो
दर्द मीठा हो तो रुक -रुक के कसक होती है,
याद गहरी हो तो थम -थम के करार आता है।
मैं आदमी हूँ
मैं आदमी हूँ कोई फ़रिश्ता नहीं हुज़ूर मैं आज अपनी ज़ात से घबरा के पी गया
बिन तुम्हारे कभी नही
बिन तुम्हारे कभी नही आयी
क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है|
जो गुज़ारी न जा सकी
जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
उसे भरम है
उसे भरम है अभी के वो नादान जीतेगा।
जो सच्चा होगा वही मेरी जान जीतेगा ।
तू डरता क्यूँ है इन झूठ के सौदागरों से ।
जंग जब भी होगी दावा है ईमान जीतेगा।।
कोई वक़ालत नही चलती
कोई वक़ालत नही चलती ज़मीं वालो की.
जब कोई फैसला आसमाँ से उतरता है…!!!.
.
चलने दो जरा
चलने दो जरा आँधियाँ हकीकत की,
न जाने कौन से झोंके मैं अपनो के मुखौटे उड़ जाये।
करीब ना होते हुए भी
करीब ना होते हुए भी करीब
पाओगे हमें क्योंकि…
एहसास बन के दिल में उतरना
आदत है मेरी….
हमने कहा था
हमने कहा था दिल दे दो और जान ले लो,
उसने दिल दिया नहीं और जान भी ले ली।