मुझे तालीम दी है मेरी फितरत ने ये बचपन से …
कोई रोये तो आंसू पौंछ देना अपने दामन से
Category: मौसम शायरी
सवाल करते हो
दुःख देकर सवाल करते हो;
तुम भी जानम कमाल करते हो;
देख कर पूछ लिया हाल मेरा;
चलो कुछ तो ख्याल करते हो;
शहर-ए-दिल में ये उदासियाँ कैसी;
मुझसे ये भी सवाल करते हो;
मरना चाहें तो मर नहीं सकते;
तुम भी जीना मुहाल करते हो;
अब किस की मिसाल दूँ तुम को;
हर सितम तुम बेमिसाल करते हो।
गुजर ऐ-जिन्दगी
आहिस्ता आहिस्ता गुजर ऐ-जिन्दगी …!!!
मुझे उन्हें अभी…..अपना बनाना है….!!
जीवन के गणित में
जीवन के गणित में सदा कृपांक ही पाता रहा
प्रेम के गणित में भी अनुत्तीर्ण ही रहा..
तुम्हारे और मेरी गणनायें पृथक् रहीं सभी..
मुझे सम्भाल लो
मुझे सम्भाल लो यारो
में उस बेवफा की बेवफाई के नशे में हूं|
जश्न ऐ ज़िन्दगी
जश्न ऐ ज़िन्दगी में तो सभी हसते हैं
जिगर चाहिए तन्हाई में मुस्कुराने के लिये|
तुम हर किसी की नही
तुम्हारी तुलना कभी चाँद से नही करता …
पता है क्युं चाँद उतना दिलकश भी नही
और चाँद की तरह तुम हर किसी की नही !!
उड़ रही है पल
उड़ रही है पल – पल ज़िन्दगी रेत सी..!
और हमको वहम है कि हम बडे हो रहे हे..!!!
रह कर खामोश
रह कर खामोश,वो मेरी बात सुनता गया..
कभी-कभी ऐसे भी हुई है हार मेरी।
रात के सन्नाटे में
रात के सन्नाटे में भी हमने क्या धोखे खाए है…..
धडका खुद का दिल और हमें लगा… वो आऐ है…