वो नमक जो तूने मेरे जख्मो पर एक बार डाला था
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वो मेरे आंसुओ में आज भी अक्सर निकलता है।
Category: मौसम शायरी
दिल बेतहाशा दुखता है
दिल बेतहाशा दुखता है जनाब
अपनों के बीच पराये बन कर देखो..
हमने दुनिया में
हमने दुनिया में मुहब्बत का असर ज़िन्दा किया है ,
हमनें दुश्मन को गले मिल-मिल के शर्मिन्दा किया है…!
अगर फितरत हमारी
अगर फितरत हमारी सहने की नहीं होती,
तो हिम्मत भी तुम्हारी कहने की नहीं होती !!
किसकी पनाह में
किसकी पनाह में तुझको गुज़ारे ऐ जिंदगी,
अब तो रास्तों ने भी कह दिया है, कि घर क्यों नहीं जाते !
गिला भी तुझ से
गिला भी तुझ से बहुत है… मगर मोहब्बत भी…
वो बात अपनी जगह है… ये बात अपनी जगह.
तनिक सुनो मेरी बात
तनिक सुनो मेरी बात ।
हमसफ़र ख़ूबसूरत नहीं सच्चा होना चाहिए…!तनिक सुनो मेरी बात
लोग बुरे नहीं होते….
लोग बुरे नहीं होते……
बस आपके मतलब के नहीं होते….
इसलिए बुरे लगते है……
तेरे वजूद से है
तेरे वजूद से है मेरे गुलिस्तां में रौनकें सारी…!!
तेरे बगैर इस दुनिया को हम वीरान लिखते हैं…!!
तुझे ही फुरसत ना थी
तुझे ही फुरसत ना थी किसी अफ़साने को पढ़ने की,
मैं तो बिकता रहा तेरे शहर में किताबों की तरह..