हम आईना हैं

हम आईना हैं, आईना ही रहेंगे
फ़िक्र वो करें
जिनकी शक्लो में कुछ
और
दिल में कुछ और है!

तेरे होने पर

तेरे होने पर भी ये जो अकेलापन मारता है…
पता नहीं, ये मेरी मुहब्बत की हार है या तेरी बेरुख़ी की जीत|