सुना है हमें वो भुलाने लगे हैं… तो क्या हम उन्हें याद आने लगे हैं..
Category: बेवफा शायरी
हम ने ठानी और है…
कोई दिन गर ज़िंदगानी और है, अपने जी में हम ने ठानी और है…
हमने देखा था
हमने देखा था शौक-ऐ-नजर की खातिर ये न सोचा था के तुम दिल मैं उतर जाओगे||
इतनी जवाँ रात
इतनी हसीन इतनी जवाँ रात क्या करें, जागे हैं कुछ अजीब से जज़्बात क्या करें…
उसने पूछा की
उसने पूछा की हमारी चाहत में मर सकते हो, हमने कहा की हम मर गए तो तुम्हें चाहेगा कौन|
रूक गया है
रूक गया है आसमां मेँ चाँद चलते चलते . . . . तुमको अब छत से उतरना चाहिए . . . .
पाँव लटका के
पाँव लटका के दुनिया की तरफ . . . . आओ बैठे किसी सितारे पर . . . .
मेरी हर एक अदा में
मेरी हर एक अदा में छुपी थी मेरी तमन्ना, तुम ने महसुस ना की ये और बात है, मैने हर दम तेरे ही ख्वाब देखें, मुझे ताबीर ना मिली ये और बात है, मैने जब भी तुझ से बात करनी चाही, मुझे अलफाज़ ना मिले ये और बात है, कुदरत ने लिखा था मुझको तेरी… Continue reading मेरी हर एक अदा में
बदलवा दे मेरे
बदलवा दे मेरे भी नोट ए ग़ालिब, या वो जगह बता दे, जहां कतार न हो..
एक मुनासिब सा
एक मुनासिब सा नाम रख दो तुम मेरा.., रोज़ ज़िन्दगी पूछती है रिश्ता तेरा मेरा|