खामोशियाँ उदासियों से नहीं, बल्कि यादों की वजह से हुआ करती है …
Category: बेवफा शायरी
हर इक ग़म को
हर इक ग़म को दिया करती हैं अब गिन-गिन के मोती ये आँखें दिन-ब-दिन कंजूस होती जा रही हैं।।।।
कुछ अधूरे एहसासों ने
कुछ अधूरे एहसासों ने ही तो थामा है हर पल, चाँद तो पूरा होके भी रात का न हुआ……
मौत बेवज़ह बदनाम है
मौत बेवज़ह बदनाम है साहब, जां तो ज़िंदगी लिया करती है|
मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !
तुम्हारी नाराजगी बहुत वाजिब है… मै भी खुद से खुश नहीं हूँ !
हर वक़्त ख्याल
हर वक़्त ख्याल उसका ऐ दिल, क्या मैं तेरा कुछ भी नहीं लगता..
मुझे सम्भालने मे
मुझे सम्भालने मे इतनी अहेतीयात मत कर , मै बिखर न जाऊ कहीँ तेरी हिफाजत मे..
ग़ैरों से पूछता है
ग़ैरों से पूछता है तरीका निजात का… अपनों की साजिशों से परेशान ज़िन्दगी… !!
कौन चाहता है
कौन चाहता है तेरी यादो से रिहा होना, ये तो वो कैद है जो जान से ज्यादा अज़ीज़ है |
खुलासा तो कर दूँ
खुलासा तो कर दूँ ,अपनी मोहब्बत कामगर… मेरी ये संपत्ति,मेरी आय से अधिक है.!!!