रिश्तों में गर्माहट

रिश्तों में गर्माहट बरकरार रखिए, मौसम तो अभी और सर्द होगा..!!

काफ़िला गुजर गया

काफ़िला गुजर गया जख्म देकर । रास्ता उदास है अब मेरी तरह ।।

शाम ढलने से पहले

शाम ढलने से पहले चराग हमने बुझा दिए. . . . तुझसे ही सिखा है यूँ दिलो में अँधेरा करना..

बिन धागे की सुई

बिन धागे की सुई सी है ये ज़िंदगी….. सिलती कुछ नहीं, बस चुभती जा रही है.

मत जियो उसके लिए

मत जियो उसके लिए जो दुनिया के लिए खूबसूरत हो | जियो उसके लिए जो तुम्हारी दुनिया खूबसूरत बनाये

हम दिन और रात जैसे है

उसने कहा हम दिन और रात जैसे है, कभी एक नही हो सकते..!! मैंने कहा आओ शाम को मिलते है….!

सच को तमीज़ ही नहीं

सच को तमीज़ ही नहीं बात करने की, झूठ को देखो कितना मीठा बोलता है !!

अब न वो

अब न वो मैं न वो तू है न वो माज़ी है, जैसे दो साए तमन्ना के सराबों में मिलें…

सोचो तो सिलवटों से

सोचो तो सिलवटों से भरी है तमाम रूह, देखो तो इक शिकन भी नहीं है लिबास में…

चले जायेंगे तुझे

चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,कदर क्या होती है ये तुझे वक़्त सिखाएगा।

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