रिश्तों की एहमियत को समझो,
इन्हें जताया नहीं निभाया जाता है !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
रिश्तों की एहमियत को समझो,
इन्हें जताया नहीं निभाया जाता है !!
न हथियार से मिलते हैं न अधिकार से मिलते हैं….!!
दिलों पर कब्जे बस अपने व्यवहार से मिलते है….!!
धड़कनों की यही तो खास बात है ,
भरे बाज़ार में भी किसी एक को ही सुनाई देती है…
मेरे दिल से निकलने का रास्ता भी न ढूंढ सके,
और कहते थे तुम्हारी रग-रग से वाकिफ़ है हम..
आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें,
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है!
रिश्ता निभाना मुश्किल नहीं,
बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए |
टपक पड़ते है आंसू जब तुम्हारी याद आती है,
ये वो बरसात है जिस का कोई मोसम नहीं होता!!
खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी.. मिलने को तरसते हैं…
एक ही समानता है पतंग औऱ जिन्दगी मॆं..
ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती हैं!!
तुझसे मेरा रिश्ता क्या है,मालूम तो नही मगर,
तेरे लिए दुआ माँगना,
न जाने क्यो अच्छा लगता है..!!