तेरे सवाल पै चुप हैं, इसे गनीमत जान,
कहीं जवाब न दे दें कि मैं नहीं सुनता।
Category: बेवफा शायरी
तेरी उम्मीद पै
तेरी उम्मीद पै जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन,
मगर यूँ भी न दिल को आसरा देते तो क्या करते |
पिघल सा जाता हूँ
पिघल सा जाता हूँ तेरी तस्वीर देख कर
जरा छू कर बता ना कहीं मैं मोम तो नहीं..
कुछ तुम कोरे कोरे से
कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…
एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!
बस यही सोचकर
बस यही सोचकर ज्यादा शिकवा नहीं किया मैंने,
कि अपनी जगह हर कोई इंसान सही होता है…
सब्र रखते हैं
सब्र रखते हैं , बड़े ही सब्र से हम वरना ज़िंदगी जीना ….कोई आसां तो नहीं……!!
जब जब भी
जब जब भी मैं बिखरा हूँ,
दुगनी रफ़्तार से निखरा हूँ।
अचानक चौँक उठे
अचानक चौँक उठे नींद से हम,
किसी ने शरारत से कह दिया सुनो, वो मिलने आई है।
जाने वो दिल के ज़ख्म
जाने वो दिल के ज़ख्म हैं या तेरी यादों के फूल,
रातों को कोई चीज महकती जरूर है..
काश तू सुन पाता
काश तू सुन पाता खामोश सिसकियाँ मेरी,,,
आवाज़ कर के रोना तो मुझे आज भी नहीं आता!