उनकी आँखों से आँखें मिली
और हमको नशा हो गया…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उनकी आँखों से आँखें मिली
और हमको नशा हो गया…
मेरी नरमी को मेरी कमजोरी न समझना….
ऐ नादान,
सर झुका के चलता हूँ तो सिर्फ ऊपर वाले के खौफ से…।
इतना शौक मत रखो इन इश्क की गलियों में जाने का,
क़सम से रास्ता जाने का है पर आने का नहीं।
घर से निकले थे हौसला करके लौट आए ख़ुदा-ख़ुदा करके ज़िंदगी तो कभी नहीं आई मौत आई ज़रा-ज़रा करके…!!
पूरी दुनिया खोज लो हमसे बड़ा न वीर
हमने खुद ही डाल लीं पांवों में जंजीर
मेरा प्यार सच्चा था इस लिये तेरी याद आती है,
अगर तेरी बेवफाई भी सच्ची है तो अब यादों मे मत आना…..
तुम कभी कभी गुस्सा कर लिया करो मुझसे
यकीन हो जाता है कि अपना तो समझते हो….
यादें क्यों नहीं बिछड़ जाती, लोग तो पल में बिछड़ जाते हैं|
हम जिनके दीवाने है वो गैरों के गुण गाते थे,
हमने कहा आपके बिन जी ना सकेंगे,
तो हंस के कहने लगे,
के जब हम ना थे तब भी तो जीते थे..
न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए..!!
की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता हे ..!!