आँधियों जाओ अब करो आराम,
हम खुद अपना दिया बुझा बैठे
Category: बेवफा शायरी
बदल जाती हो तुम …
बदल जाती हो तुम ….. कुछ पल साथ बिताने के
बाद……
यह तुम मोहब्बत करती हो या नशा…
समंदर बेबसी अपनी
समंदर बेबसी अपनी किसीसे कह नहीं सकता,
हजारों मील तक फैला है फिर भी बह नहीं सकता !!
पहले ढंग से
पहले ढंग से तबाह तो हो ले…..
मुफ़्त में उसे भूल जाएँ क्या …?
कुछ तो सम्भाला होता…
कुछ तो सम्भाला होता….
मुझे भी खो दिया तुमने…..
बेताबी उनसे मिलने की
बेताबी उनसे मिलने की इस क़दर होती है
हालत जैसी मछली की साहिल पर होती है
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
वक़्त को मेरी फ़िक्र थी..
उसे शायद ये पता नहीं था..
की वो भी गुज़र रहा है..!!
सिर्फ पढने भर का
सिर्फ पढने भर का रिश्ता मत रखिये
कभी खैरियत भी तो पूछ लिया कीजिये..!!
यूँ ही आँखें
यूँ ही आँखें किसी की नम नहीं होतीं।
दिल टूटता है पहले, फिर बनते हैं मोती।
दर्द मीठा हो
दर्द मीठा हो तो रुक -रुक के कसक होती है,
याद गहरी हो तो थम -थम के करार आता है।