जश्न ऐ ज़िन्दगी में तो सभी हसते हैं
जिगर चाहिए तन्हाई में मुस्कुराने के लिये|
Category: बेवफा शायरी
तुम हर किसी की नही
तुम्हारी तुलना कभी चाँद से नही करता …
पता है क्युं चाँद उतना दिलकश भी नही
और चाँद की तरह तुम हर किसी की नही !!
उड़ रही है पल
उड़ रही है पल – पल ज़िन्दगी रेत सी..!
और हमको वहम है कि हम बडे हो रहे हे..!!!
रह कर खामोश
रह कर खामोश,वो मेरी बात सुनता गया..
कभी-कभी ऐसे भी हुई है हार मेरी।
रात के सन्नाटे में
रात के सन्नाटे में भी हमने क्या धोखे खाए है…..
धडका खुद का दिल और हमें लगा… वो आऐ है…
ज़रूरी तो नहीं था
ज़रूरी तो नहीं था हर चाहत का मतलब इश्क़ हो;
कभी कभी कुछ अनजान रिश्तों के लिए दिल बेचैन हो जाता है।
अंधियारे से लड़ता है
एक माटी का दिया सारी रात अंधियारे से लड़ता है,
तू तो खुदा का दिया है किस बात से डरता है…….
बूँद बूँद करके
बूँद बूँद करके मुझमे मिलना तेरा,
उफ़्फ़, मुझमें मुझसे ज्यादा होना तेरा…..
इतने जख्म थे दिल पे
इतने जख्म थे दिल पे मेरे कि हकीम भी बोल
पडा..ईलाज से बेहतर है कि तू मर ही जा ..!!
उनकी चाहत में
उनकी चाहत में हम कुछ यूँ बंधे हैं
कि वो साथ भी नहीं और हम अकेले भी नहीं…!