नर्म लफ़्ज़ों से भी लग जाती है चोटें अक्सर,
रिश्ते निभाना बड़ा नाज़ुक सा हुनर होता है
मुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,
पर सुना है सादगी मे लोग जीने नहीं देते।
Category: बेवफा शायरी
ये कैसी किस्मत है
ये कैसी किस्मत है दिल और भरोसे की,,,
कि सिर्फ टूटना लिखा रब ने मुकद्दर में…
हसरत ये के थाम लूँ
हसरत ये के थाम लूँ हाथ उनका ज़ोर से,
मगर कमबख़्त उनकी चूड़ियों पे तरस आता है…
आंसू बहा बहा के
आंसू बहा बहा के भी होते नहीं हैं कम..
कितनी अमीर होती है आँखें ग़रीब की..
मेरी उदासी की भी वजह
एक पागल थी जो मेरी उदासी की भी वजह पूछा करती थी,
पर ना जाने क्यूँ उसे अब मेरे रोने से भी फर्क नहीं पड़ता !!
इकतरफ़ा इस्क का
इकतरफ़ा इस्क का अपना ही मज़ा हे
अपना हीजुर्म हे और अपनी हीसज़ा हे..!!
मयख़ाने की इज्जत
मयख़ाने की इज्जत का सवाल था हुज़ूर
रात कल सामने से गुज़रे,तो हम भी थोड़ा लड़खड़ा के चल दिए..
दो ही गवाह थे
दो ही गवाह थे मेरी मोहब्बत के एक था वक्त ओर दुसरा सनम
एक गुजर गया और दुसरा मुकर गया|
मुझसे हर शख्स
मुझसे हर शख्स खुश रहेगा, आज ये भरम टूटा है..ना जाने क्यूँ आज-कल मुझसे, मेरा सनम रूठा है….
नज़रिया बदल के
नज़रिया बदल के देख हर तरफ नज़राने मिलेंगे।
ऐ ज़िन्दगी
यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे…