खामोशी के दौर से गुजर रही है जिंदगी..
और कोई ये भी नही पूछ रहा कि कारण क्या है..
Category: बेवफा शायरी
ज़िन्दगी के मायने तो
ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे ,
अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो….
जो चीज़ उन्होंने ख़त में
जो चीज़ उन्होंने ख़त में लिखी थी, नहीं मिली.
ख़त हमको मिल गया है, तस्सली नहीं मिली…..
किन राहों से
किन राहों से सफ़र है आसाँ कौन सा रस्ता मुश्किल है
हम भी जब थक कर बैठेंगे औरों को समझाएँगे
अब जुदाई के सफ़र को
अब जुदाई के सफ़र को मेंरे आसान करो…..
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो ….
आने लगा हयात को
आने लगा हयात को अंजाम का खयाल,
जब आरजूएं फैलकर इक दाम बन गईं।
आँखों में छुपाए
आँखों में छुपाए फिर रहा हूँ,
यादों के बुझे हुए सबेरे।
एहसान चढा हुआ है ..
कैसे चुकाऊं किश्तें ख्वाहिशों की .. मुझ पर तो ज़रुरतों का भी एहसान चढा हुआ है ..!!
ढूँढ़ा है अगर
ढूँढ़ा है अगर जख्मे-तमन्ना ने मुदावा,
इक नर्गिसे-बीमार की याद आ ही गई है।
तू मांग तो सही
तू मांग तो सही अपनी दुआओं में बददुआ मेरे लिए,
देखना मैं हंसकर खुदा से आमीन कह दूंगा..!!