भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की,
लेकिन खुशियाँ बेवकूफियों से ही मिलेगी
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
भले ही कोशिशें करो समझदार बनने की,
लेकिन खुशियाँ बेवकूफियों से ही मिलेगी
भले ही मैं अपने पिताजी की कुर्सी पर बेठ जाता हूँ ,
पर आज भी अनुभव के मामले मे मैं उनके घुटनो तक ही आता हूँ ।
दुनिया का सबसे फायदेमंद सौदा दादा दादी के पास बैठना है,
चंद लम्हों के बदले में वो आपको बरसो का तजुर्बा देते है…!!!
अरे हम तो हाथी को भी हवा में उड़ा दिया करते थे.
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वो अलग बात है की अब चिड़ियाँ उड़, तोता उड़ खेलना
छोड़ दिया..
एक ही डाली के दो फूल..
अलग अलग अभिलाषा लिए पलते है..!
बेटियां बडा होने से डरती है..
और बेटे बड़ा होने के लिए मचलते हैं..!!
काश कि तुजे बचपन मे ही माँग लेते,
हर चिज मील जाती थी दो
आँसू बहाने से!
जिंदगी में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता,
बचपन खोया तब जाकर जवानी मिली…!!!
बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नही थी,
लेकिन समय सबके पास था।
आज सबके पास घड़ी है पर समय नहीं।
इतनी चाहत तो लाखो रुपये पाने की भी नही होती..!!
जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती हैं..!!