ये दुनियावाले भी अजीब होते है
दर्द आँखो से निकले तो कायर कहते है
और बातों से निकले तो शायर कहते है
Category: प्रेणास्पद शायरी
धड़कनें गूंजती हैं
धड़कनें गूंजती हैं सीने में
इतने सुनसान हो गए हैं हम…
वो सुना रहे थे
वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से।
हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए
तकदीरें बदल जाती हैं
तकदीरें बदल जाती हैं जब ज़िंदगी का कोई मकसद हो,
वरना ज़िंदगी कट ही जाती है तकदीरों को इल्ज़ाम देते देते!
दुरुस्त कर ही लिया
दुरुस्त कर ही लिया मैंने नज़रिया अपना,
कि दर्द न हो तो मोहब्बत मज़ाक लगती है!
कुछ जख़्मों की
कुछ जख़्मों की कोई उम्र नही होती…साहेब
ताउम्र साथ चलते है ज़िस्म के ख़ाक होने तक…….
तेरे एक-एक लफ्ज़ को
तेरे एक-एक लफ्ज़ को हज़ार मतलब पहनाये हमने,
चैन से सोने ना दिया तेरी अधूरी बातो ने !!
नाज़ुक मिजाज है
नाज़ुक मिजाज है वो परी कुछ इस कदर..
पायल जो पहनी पाँव मै तो छम-छम से डर गई..
अब वहां यादों का
अब वहां यादों का बिखरा हुआ मलवा ही तो है..
जिस जगह इश्क ने बुनियादे-मका रखी थी..
यही हुनर है
यही हुनर है उस स्याही का
जो हर किसी की कलम में होती नहीं..!