फोड़ देती है अपना गुल्लक भी भाई की खुशियों के लिये
भगवान के अलावा बहनें भी मनोकामना पूर्ण करती है !!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
फोड़ देती है अपना गुल्लक भी भाई की खुशियों के लिये
भगवान के अलावा बहनें भी मनोकामना पूर्ण करती है !!!
परिन्दे से किसी ने पूछा,,
“आपको गिरने का डर नही लगता ?
परिन्दे ने क्या गजब का जवाब दिया,
”मै इन्सान नही
जो ज़रा सी ऊँचाई पा कर अकड़ जाऊ।।
चलनें दो ज़रा आँधियाँ हकीकत की…
न जाने कौन से झोंकें में अपनों के मुखौटे उड़ जाए…
जीवन शतरंज के खेल की तरह है
और यह खेल आप ईश्वर के साथ खेल रहे है….,
आपकी हर चाल के बाद,
अगली चाल वो चलता है….
आपकी चाल आपकी “पसंद” कहलाती है..,
और..,
उसकी चाल “परिणाम” कहलाती है….
मासूमियत का इससे पवित्र
प्रमाण कहीं देखा है ????
एक बच्चे को
उसकी माँ मार रही थी
और बचाने के लिये बच्चा
माँ को ही पुकार रहा था…
आँखे कितनी भी छोटी क्यों ना हो ,
ताकत तो उसमे सारे आसमान देखने की होती है ..
खुशियां तो तकदीरो में होनी चाहिए
तस्वीरो में तो हर कोई मुस्कुराता है !!
एक राज की बात बताये किसी को बताना नही..
इस दुनिया मे अपने सिवा कुछ भी अपना नही होता..
पैदा तो सभी मरने के लिये ही होते है पर,
मौत ऐसी होनी चाहिए जिस पर जमाना अफसोश करे.
रुतबा पद या पेसे से ये तय नही होता के आप कितने श्रेष्ठ हो,
बल्कि आपके आचार विचार ओर व्यवहार
तय करता है के आप कितने श्रेष्ठ हो