दुसरो की छांव में

दुसरो की छांव में खड़े रहकर,
हम अपनी परछाई खो देते है,

खुद की परछाई के लिये तो,
हमे धूप में खड़ा होना पड़ता है..

उसका वादा भी

उसका वादा भी अजीब था..कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे,

मैंने भी ये नहीं पुछा कीमोहब्बत के साथ या यादों के साथ..!!

सांस थम जाती है

सांस थम जाती है
पर जान नहीं जाती
दर्द होता है पर
आवाज़ नहीं आती
अज़ीब लोग है
इस ज़माने में
कोई भूल नहीं पता और
किसी को याद नहीं आती