वक़्त बदला तो बदल गये वो लोग,
जो महफ़िलो में सबसे अज़ीज़ आशना थे.!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वक़्त बदला तो बदल गये वो लोग,
जो महफ़िलो में सबसे अज़ीज़ आशना थे.!!
पलकों की हद तोड़ के दामन पे आ गिरा,एक आंसू मेरे सबर की तौहीन कर गया…..
है हमसफर मेरा तू..
अब…
मंझिल-ऐ-जुस्तजू क्या…
खुद ही कायनात हूँ…
अब….
अरमान-ऐ-अंजुमन क्या…???
दर्द छुपाना भी एक हुनर है,
वरना नमक तो हर मुठी में है..!!
कोई रिश्ता बना के मुतमईन होना नही अच्छा मुहब्बत आखिरी हद तक ताल्लुक आजमाती है!!
कैसे सबूत दूँ तुझे मेरी मोहब्बत का…??
फूलों की महक देखनी हो…..
तो जज़्बात की निग़ाह चाहिये….!!
बात हुई थी समंदर के किनारे किनारे चलने की..
बातों बातों में निगाहों के समंदर में डूब गए..
ज़िन्दगी हो तो कई काम निकल आते है
याद आऊँगा कभी मैं भी ज़रूरत में उसे|
मांग इतना खून मेरे ज़ख़्मी ‘दिल से,
की बूँद भी न रहे तेरे सिंदूर के लिए..!!
जो दिल की गिरफ्त में हो जाता है,
मासूक के रहमों-करम पर हो जाता है,
किसी और की बात रास नहीं आती,
दिल कुछ ऐसा कम्बख्त हो जाता है,
मानता है बस दलीले उनकी,
ये कुछ यूँ बद हवास हो जाता है,
यार के दीदार में ऐसा मशगूल रहता है,
कि अपनी खैरियत भूल कर भी सो जाता है,
खुदा की नमाज भी भूल कर बैठा है,
कुछ इस कदर बद्सलूक हो जाता है,
जब दिल की गिरफ्त मे हो कोई,
जाने क्या से क्या हो जाता है…