अपने लफ्ज़ों पर गौर कर के बता,
लफ्ज़ कितने थे, और तीर कितने…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अपने लफ्ज़ों पर गौर कर के बता,
लफ्ज़ कितने थे, और तीर कितने…
मत कर मुझे परेशान ऐ मौत………!!
आशिक़ हूँ, अभी और तड़पना बाकी….!!
ये नादानी भी
सच मे बेमिसाल है,
अंधेरा दिलो मे है,
और दिपक मन्दिरों मे जलाते हैं..!!!
ज़िन्दगी में बहुत ऐसे लोग होते है,
जो…वादे तो नही करते लेकिन सब कुछ निभा जाते है..
बीच का रास्ता नही होता,
इश्क़ होता है, या नही होता..!!
दिनों दिन खोने की ये सज़ा है हमको
कि जिंदगी चली गयी इंतज़ार करके।
वो अश्क थी, बह गयी,
में दर्द था,सह गया……
काश तू मेरी आँखों का आँसू बन जाए,
मैं रोना ही छोड़ दूँ तुझे खोने के डर से..
शुक्रिया मोहब्बत तुने मुझेआबाद-ए-गम कर दिया…
वरना हमको ये शिकायत थी कि ज़िन्दगी ने
जो भी दिया…कम दिया…!!
ख्वाब आँखो मे रख कर कुछ नही मिलता….
आज बंद कर के दिल की दुकान देखते है।