फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग
देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग
देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग |
मैं जब भी अपनी पुरानी स्कूल के पास से गुजरता हूँ
सोचता हूँ मुझे बनाने में खुद टूट सी गयी है….
और जब भी में मेरे बेटे की प्रायवेट स्कूल के पास से गुजरता हूँ
मुझे हमेशा लगता है मुझे तोड़ कर खुद बन गयी |
तकलीफों ने ऐसा तराशा है मुझको…
हर गम के बाद ज्यादा चमकता हूँ..
वक्त इंसान पे ऐसा भी कभी आता है
राह में छोड़ के साया भी चला जाता है|
जिसके खेत सूखे सूखे से थे..
पानी,उसी की आँखों में नजर
आया….!!!
फ़न तलाशे है दहकते हुए जज़्बात का रंग
देख फीका न पड़े आज मुलाक़ात का रंग|
तकलीफों ने ऐसा तराशा है मुझको…
हर गम के बाद ज्यादा चमकता हूँ..
बड़ी मुश्किलों के बाद पत्थर बना हूँ,
मैं जीना चाहता हूँ यारो मुझे मोम न करो…
पता नहीं इश्क है या नहीं फिर भी
तेरी परवाह करना अच्छा लगता है|
अपनी हर बात रो रो के मनवाना
ये आँसुओ का गलत इस्तेमाल है साहिब|