घमण्ड से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते..
कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
घमण्ड से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते..
कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता..
याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते;
अच्छे लोगों की यही बात बहुत बुरी लगती है ।
लगे हो ना तुम भूल जाने में मुझे !
एक मासूम सी दुआ है नाकाम रहो तुम…!
वक़्त की रफ़्तार रुक गई होती;
शर्म से आँखे झुक गई होती;
अगर दर्द जानती शमा परवाने का;
तो जलने से पहले बुझ गई होती।
मुझे भी पता था की लोग बदल जाते है मगर,
मैंने कभी तुम्हे उन लोगों में गिना ही नहीं था…
इश्क़ कुछ पल के लिए
खोने और पाने की
कहानी नहीं होती है|
कितना मुश्किल होता है ना ???
किसी के लिए जीना,,, फिर उसी के बगैर जीना….
कुछ रिश्ते अजीब होते हैं, आलम तो देखिए
जोड़े भी नहीं जाते….तोड़े भी नहीं जाते…!!
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है
बाज़ की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती..!!
शौक से तोड़ो दिल मेरा मैं क्यों परवाह करूँ….
आप ही रहते हो इसमें अपना ही घर उजाड़ोगे…