काश कभी ऐसा भी
हुआ होता,
मेरी कमी ने तुझे उदास
किया होता ..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
काश कभी ऐसा भी
हुआ होता,
मेरी कमी ने तुझे उदास
किया होता ..
प्यार” तो इक तरफ
से ही होता है।।
दोनो तरफ से हो
उसे तो “नसीब” कहते है|
हम भी ख़ामोश रहे
तुमने भी लब सी डाले
दोनो चुप चाप सुलगते रहे
तनहाँ तनहाँ
कभी पिघलेंगे पत्थर भी मोहब्बत की तपिश पाकर,
.
.
बस यही सोच कर हम पत्थर से दिल लगा बैठे….!!
कहने को ज़िन्दगी थी बहुत मुख़्तसर मगर..!
कुछ यूँ बसर हुई कि ख़ुदा याद आ गया…!!
मुझसे मिलना है तो समुन्दर की गहराई में आना होगा…
मैं बेजान लाश नहीं जो तैरकर ऊपर आऊ…!!
जो जहर हलाहल है वो ही अमृत है नादान,
मालूम नही तुझको अंदाज है पीने के ।।
सर क़लम होंगे कल यहाँ उन के
जिन के मुँह में ज़बान बाक़ी है |
तेरा प्यार मुझको तड़पाता ही रहता है!
तेरा ख्वाब मुझको तरसाता ही रहता है!
बन चुकी है जिन्द़गी जुल्मों-सितम की यादें,
मेरा नसीब मुझको तो रुलाता ही रहता है!
एक उम्र है जो तेरे बगैर
गुजारनी है.,
और एक लम्हा है जो तेरे बगैर
गुजरता नहीं….