वो पगली समझती है

वो पगली समझती है के उसने मेरा दिल तोड़ दिया

वो नहीं जानती वही दर्द बयां करके

हमने यहाँ लाखो का दिलजीत लिया |

खुश हम हो

खुश हम हो तो सुकून से सोती है माँ

सागर का एक अनमोल मोती है माँ

कदर कर ले जमाना माँ की

क्योंकि जन्नत में हमसे पहले दाखिल होती है माँ|