इन्तहां लिखी इकरार लिखा

इन्तहां लिखी इकरार लिखा,
पल पल का इंतज़ार लिखा,
तेरी यादों को दिल में बसा के,
हर रोज़ तुझे पैगाम लिखा…
सूने सूने तुझ बिन जीवन को,
पतझड़ का मौसम लिखा,
तेरी यादों के नील गगन में,
तन्हा कोई मंज़र लिखा…
तुझ बिन चलती इन सांसो को,
निष्प्राण कोई जीवन लिखा,
मेरे खयालों के हर पन्ने में,
तेरा ही कोई ज़िक्र लिखा…
रूठी रूठी रातों में,
जगती हुई इन आँखों में,
आंसुओं का सैलाब लिखा,
तुझ बिन कहीं हैँ खोये रहते,
जीते हुए भी पल पल मरते,
तेरी इन यादों का हर बातों का,
हर लम्हा हर पल लिखा…
मीत यादों को दिल में बसाके,
रोज़ तुझे पैगाम लिखा !!

मौत का आलम

मौत का आलम देख कर तो ज़मीन भी

दो गज़ जगह दे देती है…
फिर यह इंसान क्या चीज़ है

जो ज़िन्दा रहने पर भी

दिल में जगह नहीं देता…

कुछ पन्ने होते है

जिंदगी की किताब के कुछ पन्ने होते है,
कुछ अपने, कुछ बेगाने होते है,
प्यार से सँवर जाती है ज़िंदगी,
बस प्यार से रिश्ते निभाने होते है

गम जरुर दे जाते हैं

बड़े अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग
दोस्त बन जाते हैं.
मिलने की खुशी दें या न दें,
बिछड़ने का गम जरुर दे जाते हैं…!!