पहला खत जुल्फ खोल कर पढ़ना दूसरा दिल
टटोल कर पढ़ना तीसरे खत में टूटे
सपने है अपने आंसू में घोल कर पढ़ना|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
पहला खत जुल्फ खोल कर पढ़ना दूसरा दिल
टटोल कर पढ़ना तीसरे खत में टूटे
सपने है अपने आंसू में घोल कर पढ़ना|
ख्वाबों का रंगीन होना गुनाह है..
इंसान का जहीन होना गुनाह है..
कायरता समझते हैं लोग मधुरता को..
जुबान का शालीन होना गुनाह है..
खुद की ही लग जाती है नजर..
हसरतों का हसीन होना गुनाह है..
दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में सैंकड़ों से..
इंसान का बेहतरीन होना गुनाह है………
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जाने,
प्यार किसे कहते है वो नादान क्या जाने;
हवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे का;
कैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने……
किताब खोलकर उसने कहा “अच्छा अब लिखो..जिंदगी”
“तुम”
लिख कर मैंने निब तोड़ दी…
कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ!
की खुदा नूर भी बरसाता है, आज़माइशों के बाद !!
ये उदासियां ही इश्क की पहचान हैं…,
गर मुस्करा दिये..
तो इश्क बुरा मान जायेगा !!
कर लो इज़ाफ़ा तुम अपने गुनाहों में,
मांग लो एक बार हमको दुआओं में …
फिर न सिमटेगी मोहब्बत जो बिखर जायेगी !
ज़िंदगी ज़ुल्फ़ नहीं जो फिर से संवर जायेगी !
थाम लो हाथ उसका जो प्यार करे तुमसे !
ये ज़िंदगी फिर न मिलेगी जो गुज़र जायेगी !!
मेरी आवारगी में कुछ दखल तुम्हारा भी है !
क्यों की जब तुम्हारी याद आती है !
तो घर अच्छा नही लगता !!
अकेले ही काटना है मुझे जिंदगी का सफर..पल दो पल साथ रहकर मेरी आदत ना खराब कर..