साफ़ दिल से
मुलाक़ात की आदत डलों यारों
क्यूँ की घुल हटती है तो अाईने भी चमक उठते है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
साफ़ दिल से
मुलाक़ात की आदत डलों यारों
क्यूँ की घुल हटती है तो अाईने भी चमक उठते है
ज़िन्दगी के हाथ नहीं
होते..
लेकिन कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती हैं जो पूरी उम्र
याद रहता हैं
इस बनावटी दुनिया में
कुछ सीधा सच्चा रहने दो,
तन वयस्क हो जाए चाहे, दिल तो बच्चा रहने दो,
नियम कायदो
की भट्टी में पकी तो जल्दी चटकेगी,
मन की मिट्टी को थोडा सा तो गीला, कच्चा रहने दो|
जरूरतें भी जरूरी हैं जीने के लिये …..लेकिन …
तुझसे जरूरी तो जिंदगी भी नही……..
आज दिल में एक अजीब सा दर्द है मेरे मौला ।
ये तेरी दुनिया है! तो यहाँ इंसानियत क्यों मरी है।
एक उसूल पर गुजारी है जिंदगी मैंनें,
जिसको अपना माना उसे कभी परखा नही..
ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ लिखे है ना,
पढ़ना कभी ध्यान से, चीखते कमाल के हैं..
त्यौहार के बहाने ही सही…
रिश्ते घर तो लौट आते है..
जो प्यासे हो तो अपने साथ रक्खो अपने बादल भी
ये दुनिया है विरासत में कुआँ कोई नहीं देगा
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ
मेरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है