कभी उदास बेठी हो तो बताना,
हम फिर से दिल दे देंगे खेलने के लिए !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कभी उदास बेठी हो तो बताना,
हम फिर से दिल दे देंगे खेलने के लिए !!
रुके तो चाँद जैसी हैँ…..
चले तो हवाओ जैसी हैँ…..
वो माँ ही हैँ…..
जो धुप मैँ भी छाँव जैसी हैँ….
aaja kareeb itna ki meri saanso ko mehka
de…
barso se tarsi hui in baahon ko saza de…
hai ishq ki farmaish na rok apne kadmo ko…
tere jism ki khusboo ko meri rooh m bsa de…
ye garam teri saanse takrane de meri saanso
se…
aa pas mere itna ki har doori ko mita de……..
क्युं….उसको मनाने की मिन्नतें करू मै..
मुझे उस से मोहब्बत है….कोई मतलब तो नही..!!
Ishq Ka To Pata Nahi…!!
ღღღღღ
Par Jo Tumse Hai
Wo Kisi Or Se Nahi….!!!!
सीखा जाता है हर हुनर, किसी ना किसी उस्ताद से,
मगर जिंदगी के सबक जमाने की ठोकरें देती हैं।
Suno..!!
Tum Hi Ko Chahte Hai Or Tum Hi Se Pyaar
Karte
Hai..!!
Ye Barso Ki Adat Hai Or Adat Kahan Badalti
Hai….!!!!
कुछ ऐसे हादसे भी जिंदगी में होते है….
ऐ दोस्त..
इंसान बच तो जाता है पर जिंदा नहीं रहता…..।।।।
शोहरत अच्छी होती है,
गुरूर अच्छा नहीं होता..
अपनों से बेरुखी सेे पेश आना,
हुज़ूर अच्छा नहीं होता !!
खुबसूरत हो लेकिन प्यार का अंदाज़ नहीं….
यही कमी हैं तुझमें के तेरा कोई हमराज नहीं