ठोकरें खा कर भी ना संभले
तो मुसाफ़िर का नसीब,
वरना पत्थरों ने तो
अपना फर्ज़ निभा ही दिया…..
Category: प्यार शायरी
दुनियाँ की हर चीज़
दुनियाँ की हर चीज़ ठोकर लगने से टूट
जाती है। एक “कामयाबी” ही है,
जो ठोकर खाकर ही मिलती है।
अफसोस होता है
अफसोस होता है तेरे बदल जाने का मगर, तेरी कुछ बातो ने मुझे जीना सीखा दिया
yaad ne rula diya
Aaj Fir uski yaad ne rula diya,
kaisa hai ye chera jisne ye sila diya,
Do lafj likhne ka salika na tha,
Uske pyar ne mujhe shayar bana diya..
शौक से बदल जाओ
शौक से बदल जाओ तुम मगर
ये ज़हन मैं रखना
की..
हम जो बदल गये तो तुम करवटें
बदलते रह जाओगे.!
पागल नहीँ थे हम
पागल नहीँ थे हम जो तेरी हर बात मानते थे…
बस तेरी खुशी से ज्यादा कुछ अच्छा ही नहीँ लगता था..
याद कर रहा है
शिद्दत से कोई याद कर रहा है,
मुद्दत से ये वहम जाता नही…!
मोल ना पूछना
तुम मुझसे
यारी का
मोल ना पूछना कभी…..
तुम्हें
किसने कहा की
पेड़ छाँव बेचते हैं..!!!
दिल की गली से
उठने दे जो उठता है धुआं दिल की गली से, बस्ती वो कहाँ है जहाँ कोहराम नहीं है…!!!
सजदे करूँ
सजदे करूँ, सवाल करूँ, इल्तजा करूँ।
यूँ दे तो पूरी कायनात मेरे काम की नहीं।।