कल रात मैंने अपने सारे ग़म,
कमरे की दीवार पर लिख डाले,
बस फिर हम सोते रहे और दीवारे रोती रही…
Category: प्यार शायरी
जिस शहर में
जिस शहर में तुम्हे मकान कम और शमशान ज्यादा मिले…
समझ लेना वहा किसी ने हम से आँख मिलाने की गलती की थी….!!
तुम वादा करो
तुम वादा करो आखरी दीदार करने आओगे, हम मौत को भी इंतजार करवाएँगे तेरी ख़ातिर,
इश्क़ का क्या हुआ
इश्क़ का क्या हुआ है, असर देखें;
आप ही आप हैं, अब जिधर देखें!
अजीब रंगो में
अजीब रंगो में गुजरी है मेरी जिंदगी। दिलों पर राज़ किया पर मोहब्बत को तरस गए।
निकली थी बिना नकाब
निकली थी बिना नकाब आज वो घर से मौसम का दिल मचला लोगोँ ने भूकम्प कह दिया|
हम तो पागल हैं
हम तो पागल हैं शौक़-ए-शायरी के नाम पर ही
दिल की बात कह जाते हैं और कई
इन्सान गीता पर हाथ रख
कर भी सच नहीं कह पाते है…
उम्र भर के
उम्र भर के आंसू ज़िन्दगी भर का ग़म,
मोहब्बत के बाज़ार में बहुत महंगे बिके हम !!
मुस्कुराना सीखना पड़ता है …
मुस्कुराना सीखना पड़ता है …!रोना तो पैदा होते ही विरासत में मिल गया था….
वो मंजर भी
वो मंजर भी मोहब्बत का बडा दिलकश गुजरा,
किसी ने हाल पुछा और आँखें भर आई !!