ख्वाब आँखो मे रख कर कुछ नही मिलता….
आज बंद कर के दिल की दुकान देखते है।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ख्वाब आँखो मे रख कर कुछ नही मिलता….
आज बंद कर के दिल की दुकान देखते है।
कम दिल के कुछ अरमान करके देखते हैं
सफर जिंदगी का आसान करके देखते हैं|
कभी खत्म न होने वाली तलाश लगती है
ये जिंदगी मुझे सीता का बनवास लगती है|
ऐसा कोई साधन नहीं जो टूटे दिल को जोड़ पाये साहब,
आओ में अपने तजुर्बे से पोतकर उससे समेत तो लूँ..
मन की बात..
लोग सुबह उठकर खबर पढ़ना चाहते है,
लगी आग की रांख को छूना चाहते है..
अपना किस्सा खुली किताब सा था,
बस कोई अपने नाम के कुछ पन्ने मोड़ गया था।
वो राहें किस काम काम की
जिनका मुकाम बेवफाई हो।।
मुझे गम भी दिल से अजिज है
ये भी उनकी दी हुइ चिज है|
जख्म अब तक तुम्हारी यादों
की रसद पे ज़िंदा है|
तन्हाई लिखते समय
तुम मेरे सबसे पास थी|