हर कोई ज़ुबान वाला है

हर कोई ज़ुबान वाला है मगर वो ज़ुबान नहीं रखता,
अपने अंदर सादगी और दूसरों के लिए दुआ नहीं रखता,
काट कर मैं रख चुका हूँ अपने दिल को उसके कदमों में,
मगर वो बे-गैरत मेरे लहू के भी निशान नहीं रखता..!!

सब ने तो

सब ने तो अपनी अपनी पढ़ाई भी पूरी कर ली,
मैं बस तेरा नाम लिखता रहा मिटाता रहा|

जब दूरियाँ आ जाएँ

जब दूरियाँ आ जाएँ दरमियाँ इस कदर
कि पलट कर देखना भी न मुमकिन हो
तब समझ लेना कि खत्म सब हो गया
जब रुखसते देना भी न मुमकिन हो …