एक नया दर्द दिल में जगाकर चला गया,
वो कल फिर से मेरे शहर में आकर चला गया !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक नया दर्द दिल में जगाकर चला गया,
वो कल फिर से मेरे शहर में आकर चला गया !!
तुझे तो हमारी मोहब्बत ने मशहूर कर दिया बेवफ़ा,
वरना तू सुर्खियों में रहे, तेरी इतनी औकात नहीं..!!
जख्म तो हम भी अपने दिल में तुमसे गहरे रखते हैं
मगर हम जख्मों पे मुस्कुराहटों के पहरे रखते हैं!
पलकों की हद को तोड़ कर दामन पे आ गिरा,
एक अश्क़ मेरे सब्र की तौहीन कर गया….
अज़ीज़ भी वो हैं , नसीब भी वो हैं दुनिया की भीड़ मैं करीब भी वो हैं उनके आशीर्वाद से हैं चलती ज़िन्दगी खुदा भी वो हैं और तकदीर भी वो हैं!
मेरा तरीक़ा ज़रा मुख़्तलिफ़ है सूरज से, मैं जिधर को डूबा था.. फिर वहीं से निकलूंगा।
गुफ़्तगू की आरज़ू इस ख़ामोश शहर से,
किससे ये बात कहे,कोई बोलता ही नही..!!
कौन पूछता है मुकम्मल दास्तानों को,
किस्से वही मशहूर होते है, जो अधूरे रह जाते है..!!
ख्त्म कर दी थी जिन्दगी की हर खुशियाँ तुम पर कभी फुर्सत मिले तो सोचना मोहब्बत किसने की थी|
अजीब सबूत माँगा उसने मेरी मोहब्बत का,
कि मुझे भूल जाओ तो मानूँ मोहब्बत है!